यह शगुन साध का धागा
किसी पर थोपा नहीं गया
केवल प्यार का बंधन है
यूं ही बांधा नहीं गया |
(२)
रिश्ता तो रिश्ता है
हो चाहे बंद लिफाफे में
या राखी भाई की कलाई में
पर रहे सदा ही वरदहस्त
बहना के सर पर |
(३)
समय के साथ
सब बदल गया
पहले सा उत्साह
भी है अब कहाँ
है अब तो रस्म अदाई
मंहगाई की मार से
गहन उदासी छाई |
आशा
रिश्ता तो रिश्ता है
हो चाहे बंद लिफाफे में
या राखी भाई की कलाई में
पर रहे सदा ही वरदहस्त
बहना के सर पर |
(३)
समय के साथ
सब बदल गया
पहले सा उत्साह
भी है अब कहाँ
है अब तो रस्म अदाई
मंहगाई की मार से
गहन उदासी छाई |
आशा
सही लिखा आपने, महंगाई ने किसी को नही बख्शा, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
टिप्पणी हेतु धन्यवाद रामपुरिया जी |
हटाएंसमय के साथ
जवाब देंहटाएंसब बदल गया
पहले सा उत्साह
भी है अब कहाँ
***
सो तो है, पर बनी रहेगी धागे से जुड़ी संवेदनाएं!
शुभकामनाएं!
धन्यवाद अनुपमा जी |
हटाएंहार्दिक शुभ-कामनायें। ,
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह चर्चा अंक -2: रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएं-----------------------
कल 21/08/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
सही बात...
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन के पावन पर्व पर आपको शुभकामनाएँ..
:-)
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !!!
महंगाई की मार तो है पर फिर भी प्रेम थोड़ा नहीं होना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की बधाई ओर शुभकामनायें ...
खूबसूरत रचना ! रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंसमय के साथ
जवाब देंहटाएंसब बदल गया
पहले सा उत्साह
भी है अब कहाँ
है अब तो रस्म अदाई
मंहगाई की मार से
गहन उदासी छाई,,,,
बहुत सुंदर सृजन ,,,
RECENT POST : सुलझाया नही जाता.
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
बेहतरीन .सुन्दर अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाईयां.रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं .
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जवाब देंहटाएंतीनो छंद बहुत सुन्दर हैं और सटीक रचना !
latest post आभार !
latest post देश किधर जा रहा है ?
धन्यवाद
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार ललित जी
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