27 सितंबर, 2013

सार्थक जीवन

इस जिन्दगी में
 क्या रखा है
 कब बिखर जाए
कुछ काम ऐसे करो 
जीवन सँवर जाए 
जाने के बाद भी 
तुम्हें याद किया जाए
जीवन काल में
जो कुछ किया
यदि आधा अधूरा ही रहा 
नई पीढी उसे 
पूरा कर पाए
बार बार तुम्हारा
 अनुकरण कर पाए
 हर कदम पर
तुम्हारा स्मरण
 किया जाए
कोइ कभी तुम्हें
 भूल न पाए |
आशा




13 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार आदरणीया-

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक आज शनिवार (28-09-2013) को ""इस दिल में तुम्हारी यादें.." (चर्चा मंचःअंक-1382)
    पर भी होगा!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. हिन्दी पखावाड़े की हार्दिक शुभ कामनाएं आपको भी |प्रविष्टि की सूचना देने के लिए धन्यवाद |

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  3. हर कदम पर
    तुम्हारा स्मरण
    किया जाए
    कोइ कभी तुम्हें
    भूल न पाए |

    बहुत उम्दा प्रस्तुति ! आशा जी ,,,

    नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )

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  4. अत्यंत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं

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