क्या रखा है
कब बिखर जाए
कुछ काम ऐसे करो
जीवन सँवर जाए
जाने के बाद भी
तुम्हें याद किया जाए
जीवन काल में
जो कुछ किया
यदि आधा अधूरा ही रहा
नई पीढी उसे
पूरा कर पाए
बार बार तुम्हारा
अनुकरण कर पाए
हर कदम पर
तुम्हारा स्मरण
किया जाए
कोइ कभी तुम्हें
भूल न पाए |
आशा
sahi soch ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद निशा जी |
हटाएंबहुत बढ़िया आशा जी
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
टिप्पणी हेतु धन्यवाद
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक आज शनिवार (28-09-2013) को ""इस दिल में तुम्हारी यादें.." (चर्चा मंचःअंक-1382)
पर भी होगा!
हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हिन्दी पखावाड़े की हार्दिक शुभ कामनाएं आपको भी |प्रविष्टि की सूचना देने के लिए धन्यवाद |
हटाएंउत्तम सोच !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट साधू या शैतान
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धन्यवाद कालीपद जी |
हटाएंहर कदम पर
जवाब देंहटाएंतुम्हारा स्मरण
किया जाए
कोइ कभी तुम्हें
भूल न पाए |
बहुत उम्दा प्रस्तुति ! आशा जी ,,,
नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
धन्यवाद
हटाएंअत्यंत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर !
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