यह रंग की तरंग
और उसका अक्स जीवन पर
करता रंगीन सारा समा
इसके बिना सब सूना यहाँ |
एक छोटा सा भी पत्थर
जब गिरता स्थिर जल में
उथलपुथल मचा जाता
शान्ति भरे जीवन में |
कई रंग बिखर जाते
अक्स कहीं गुम हो जाते
बहुत समय लग जाता
स्थिरता आने में |
अस्थिर जल चंचल मन
दूर दूर तक जा कर भी
थाह नहीं ले पाते
रंगबिरंगी दुनिया के
अनछुए पहलुओं की
अनकही बातों की |
आई आंधी साथ ले चली
सूखी मुरझाई पत्तियाँ
मन भी पीछे न रहा
उनके साथ हो लिया
रंग यहीं बिखर कर रह गए
उन्हें समेट न पाया
वह साथ तो चला गया
पर फिर लौट न पाया |
आशा
जब गिरता स्थिर जल में
उथलपुथल मचा जाता
शान्ति भरे जीवन में |
कई रंग बिखर जाते
अक्स कहीं गुम हो जाते
बहुत समय लग जाता
स्थिरता आने में |
अस्थिर जल चंचल मन
दूर दूर तक जा कर भी
थाह नहीं ले पाते
रंगबिरंगी दुनिया के
अनछुए पहलुओं की
अनकही बातों की |
आई आंधी साथ ले चली
सूखी मुरझाई पत्तियाँ
मन भी पीछे न रहा
उनके साथ हो लिया
रंग यहीं बिखर कर रह गए
उन्हें समेट न पाया
वह साथ तो चला गया
पर फिर लौट न पाया |
आशा
अरे वाह ! बहुत बहुत सुंदर कविता !
जवाब देंहटाएंअस्थिर जल चंचल मन
दूर दूर तक जा कर भी
थाह नहीं ले पाते
रंगबिरंगी दुनिया के
अनछुए पहलुओं की
अनकही बातों की |
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ! मज़ा आ गया !
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती।
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत
जवाब देंहटाएंसच ही जीवन में भी पानी की लहरे की तरह छोटी सी बात भी उधल पुथल मचा देती है.......
सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति के लिए ,,,बधाई आशा जी,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : समझ में आया बापू .
बढ़िया प्रस्तुति है आदरणीया-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
कल 09/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंजीवन की यही रीत होती है ...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति,आप को गणेश चतुर्थी पर मेरी हार्दिक शुभकामनायें ,श्री गणेश भगवान से मेरी प्रार्थना है कि वे आप के सम्पुर्ण दु;खों का नाश करें,और अपनी कृपा सदा आप पर बनाये रहें...
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत .....यही जीवन है.....
जवाब देंहटाएंसाभार......
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
जवाब देंहटाएं