24 अक्टूबर, 2013

करवा चौथ पर

करवा चौथ पर

करवा चौथ पर हार्दिक शुभ कामनाएं 
चाँद ने मुह छिपाया
बादलों की ओट में
प्रिय तुम भी
अब तक न आए
जाने कहाँ विलमाए
मैं हूँ परेशान
कब तक राह निहारूं
तुम्हारी और  चाँद की
याद नहीं आई  क्या 
आज करवा चौथ की|
आशा

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    साझा करने के लिए आभार।

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  2. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (25-10-2013) को " ऐसे ही रहना तुम (चर्चा -1409)" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.

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  3. सुंदर अभि‍व्‍यक्‍ति‍....वाकई चांद ने परेशान कि‍या सबको

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  4. सचमुच बहुत सताया इस बार चाँद ने … बहुत सुन्दर रचना … शुभकामनायें

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  5. चांद न आये पिया भी न आये कैसे धरूं धीर
    सजनी, वे न जाने मनवा की पीर।

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  6. वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  7. बहुत सुंदर रचना है ! करवा चौथ पर चाँद मनुहार न करवाये ऐसा कभी हो सकता है !

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