(१)
घर की शान हैं बेटियाँ
सुख की बहार हैं बेटियाँ
उन बिन घर अधूरा है
मन की मुराद हैं बेटियाँ |
(२)
वे जंगली बेल नहीं
ना ही किसी पर कर्ज
नाजुक हरश्रृंगार के फूलों सी
हैं आँगन की बहार बेटियाँ |
(३)
धांस फूस सी बढ़ती बेटी
संग हवा के बहती जाती
सामंजस्य यदि ना हो पाता
पा तनिक धूप मुरझा जाती |
(४)
मन्नतों के बाद तुझे पाया
हुआ दुआओं का असर
तुझे बड़ा कर पाया
अब आँखों सेओट न होना
मेरा सपना तोड़ न देना |
आशा
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार -
१२-२३ प्रवास पर हूँ-सादर
धन्यवाद रविकर जी
हटाएंएक सुखद अहसास हैं बेटियाँ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (11-10-2013) चिट़ठी मेरे नाम की (चर्चा -1395) में "मयंक का कोना" पर भी है!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सूचना हेतु आभार शास्त्री जी |
हटाएंघर आँगन की शान हैं बेटियाँ
जवाब देंहटाएंमात-पिता का मान हैं बेटियाँ !
बेटियों को समर्पित बहुत सुन्दर रचना !
टिप्पणी हेतु धन्यवाद साधना |
हटाएं१) घर की शान हैं बेटियाँ सुख की बहार हैं बेटियाँ
जवाब देंहटाएंउन बिन घर अधूरा है मन की मुराद हैं बेटियाँ...
महा-लक्ष्मियों को प्रणाम। सुन्दर उदगार।
टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंलेटेस्ट पोस्ट नव दुर्गा
धन्यवाद कालीपद जी |
हटाएंघर आँगन की शान हैं बेटियाँ
जवाब देंहटाएंमात-पिता का मान हैं बेटियाँ !
बेटियों को समर्पित बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !
नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!
RECENT POST : अपनी राम कहानी में.
टिप्पणी हेतु धन्यवाद |नवरात्रि शुभ और मंगल मय हो |
हटाएंबहुत खुबसूरत रचनाएँ !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद |
हटाएंhamari pahchan hai betiya.......navratri ki shubhkamnaye
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार दर्शन जी
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद
जवाब देंहटाएंधन्यवाद प्रदीप जी |
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंAapko Meri Or Se Bahut-2 Bdhaahi Ho.Padhe Poem aur Bhaut Kuch in Hindi
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