18 नवंबर, 2013

क्षणिकाएं

शुभ घड़ी शुभ दिन 
शुभ वर्ष की बातें करते हो 
जो भी अशुभ हो रहा 
नजरअंदाज करते हो 
निश्प्रह क्यूं नहीं रहते 
क्यूं दुभांत करते हो |
(२)
प्यार का कोई मोहताज नहीं होता 
वह स्वयं ही उपजता है 
अपनीउपस्थिति दर्ज करा कर
फिर तिरोहित हो जाता है |
(३)
है वही सफल 
शिखर तक पहुँचने में 
जो है निर्भय निडर 
हलके से धक्के से 
नहीं जाता बिखर |


7 टिप्‍पणियां:

  1. इस पोस्ट की चर्चा, बृहस्पतिवार, दिनांक :- 21/11/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक - 47 पर.
    आप भी पधारें, सादर ....

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  2. सुंदर सार्थक क्षणिकाएं ! बहुत बढ़िया !

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  3. है वही सफल
    शिखर तक पहुँचने में
    जो है निर्भय निडर
    हलके से धक्के से
    नहीं जाता बिखर |

    क्या बात ...........बधाई स्वीकारें।

    जवाब देंहटाएं

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