शुभ घड़ी शुभ दिन
शुभ वर्ष की बातें करते हो
जो भी अशुभ हो रहा
नजरअंदाज करते हो
निश्प्रह क्यूं नहीं रहते
क्यूं दुभांत करते हो |
(२)
प्यार का कोई मोहताज नहीं होता
वह स्वयं ही उपजता है
अपनीउपस्थिति दर्ज करा कर
फिर तिरोहित हो जाता है |
(३)
है वही सफल
शिखर तक पहुँचने में
जो है निर्भय निडर
हलके से धक्के से
नहीं जाता बिखर |
इस पोस्ट की चर्चा, बृहस्पतिवार, दिनांक :- 21/11/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक - 47 पर.
जवाब देंहटाएंआप भी पधारें, सादर ....
सूचना हेतु आभार
हटाएंसुंदर सार्थक क्षणिकाएं ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद |
हटाएंधन्यवाद सुषमा जी |
जवाब देंहटाएंआशा
है वही सफल
जवाब देंहटाएंशिखर तक पहुँचने में
जो है निर्भय निडर
हलके से धक्के से
नहीं जाता बिखर |
क्या बात ...........बधाई स्वीकारें।
टिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंआशा