कन्हिया आया
गोकुल गलियों में
ले ग्वाल बाल |
धूम मचाई
दधि माखन खायो
मटकी फोड़ी |
रूठी राधिका
बंसी की धुन सुन
धावत आई |
है नटखट
बरजोरी करत
राधिका संग |
गोकुल छोड़ा
वध कंस का किया
सभी संतुष्ट |
नीर बहाते
रह गए अधूरे
गोप गोपियाँ |
उद्धव हारे
समझा न सके वे
विरही मन |
आशा
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