वृक्ष की छाँव ,विश्राम पथिक का
है आवश्यक |
कटते वृक्ष ,गरमी का आलम
दुखी पथिक |
निर्मल जल ,लहलहाते वृक्ष
अप्रदूषित हैं |
पर्यावरण ,हमारे आस पास
निर्मल रहे |
वृक्ष लगाओ ,बच्चे सा अपनाओ
हरियाली को |
फूले पलाश ,झुमके लटकाता
अमलताश |
खून खराबा ,प्रकृति है उदास
आतंक फैला |
बर्फ से दबा ,शहर दम तोड़े
वृक्ष गवाह |
स्वच्छ प्रदेश ,है देश की गरिमा
अछूती रहे |
झूला डाला है नीम की डाली पर
आओ ना प्रिये
इंतज़ार है निराश न करना
दिन न कटे |
दोपहर में छाँव वट वृक्ष की
पुकार रही |
है हरियाली नदिया के किनारे
सुखद लगे |
स्वच्छ प्रदेश ,है देश की गरिमा
अछूती रहे |
झूला डाला है नीम की डाली पर
आओ ना प्रिये
इंतज़ार है निराश न करना
दिन न कटे |
दोपहर में छाँव वट वृक्ष की
पुकार रही |
है हरियाली नदिया के किनारे
सुखद लगे |
आशा
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