16 अप्रैल, 2015

नया माली





नया नया माली बना 
एक गमला लाया 
मिट्टी भरी 
खाद डाली 
बीज बोया 
जल से सींचा 
 उत्सुक था
जाने कब उगेगा 
प्रातः उठाता 
गुड़ाई करता 
पानी देता 
खरपतवार तो उगे 
पर बीज बेचारा
 सुप्त ही रहा 
अंकुरित ना हो पाया 
देखरेख में 
कमीं नहीं थी 
उपक्रम नित जारी था 
माली का धैर्य छूटा 
सारा श्रम व्यर्थ हो गया 
था हैरान परेशान 
किताब पढ़ कर 
 सब किया था
फिर असफल क्यूं 
बीज ना उगना था न उगा
समझ नहीं पाया 
था बीज नकली 
या वहअकुशल  |
आशा







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