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03 मई, 2015
बेटी सुशिक्षित
शिक्षित बेटी
जलती मशाल है
घर रौशन |
नहीं निर्बल
बेटी हुई जाग्रत
नही आश्रित |
बेटी हमारी
सावन की फुहार
बड़ी प्यारी है |
महके बेटी
फूलों की बहार में
मोगरे जैसी |
बेटी बचाओ
जब हो सुशिक्षित
हो गर्व हमें |
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