05 नवंबर, 2015

शब्द


शब्द की अहम भूमिका के लिए चित्र परिणाम

भाव न जाने कहाँ से आते 
ह्रदय पटल पर विचरण करते 
आपस में तकरार करते 
मन की भाषा समझते |
शब्द सजग तत्पर हो
कविता को आकार देते
कठिन परिश्रम से ही 
भावों को साकार करते  |
अहम् भूमिका उनकी होती
रचना के निखार में
उसे सार्थक करने में
अंतर मन स्पष्ट करने में |
छोटी बड़ी बातें उन्हें
  ऊंचाई तक पहुंचातीं
कवि वहां स्थान बनाता
जहां सूर्य तक पहुँच न पाता |
अस्वस्थ अनियंत्रित विचार
 उनसे उपजे  शब्द वाण
ऐसे प्रहार करते
मन में दरार पैदा करते |
अर्थ का अनर्थ होता
किसी का भला न होता
मन अशांत होता जाता
जब शब्दों का दंगल होता |
आशा


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Your reply here: