भीड़ तंत्र ने मन्त्र दिया
खुद को अकेला कर लिया
कीचड़ में खिला कमल सा
यही उसने नुस्का दिया |
भीड़ में खोना नहीं है
तुम्हें अकेले ही जाना है
कोई साथ नहीं देता
यही किस्सा पुराना है |
समय व्यर्थ गवाया पहले
यहाँ वहां जाने आने में
पर प्यार कहीं ना पाया
जो पाया तुम्हारे सान्निध्य में |
तुम्हारे कदमों की आहट
जब भी होती है
मैं जान जाती हूँ
तुम्हें पहचान जाती हूँ |
आती बयार की महक से
होता अहसास तुम्हारा
गहरी उदासी कहीं
गुम हो ही जाती है |
मन्त्र अकेले रहने का
अब डगमगाने लगा है
मन का निर्णय है
तुम्हारे साथ चलूँ |
यही बेचैनी मुझे
कमजोर कर रही है
भीड़ में अकेले रहना
सरल नहीं है |
तुम मेरा जीवन हो
तुम्ही हो सहारा
हर सांस में तुम्ही तुम हो
यह अब मैंने जाना |
इस भीड़ तंत्र से बच कर
मेरे पास आना
दिल में जगह रखना
बहाना न बनाना |
आशा
तुम्हें अकेले ही जाना है
कोई साथ नहीं देता
यही किस्सा पुराना है |
समय व्यर्थ गवाया पहले
यहाँ वहां जाने आने में
पर प्यार कहीं ना पाया
जो पाया तुम्हारे सान्निध्य में |
तुम्हारे कदमों की आहट
जब भी होती है
मैं जान जाती हूँ
तुम्हें पहचान जाती हूँ |
आती बयार की महक से
होता अहसास तुम्हारा
गहरी उदासी कहीं
गुम हो ही जाती है |
मन्त्र अकेले रहने का
अब डगमगाने लगा है
मन का निर्णय है
तुम्हारे साथ चलूँ |
यही बेचैनी मुझे
कमजोर कर रही है
भीड़ में अकेले रहना
सरल नहीं है |
तुम मेरा जीवन हो
तुम्ही हो सहारा
हर सांस में तुम्ही तुम हो
यह अब मैंने जाना |
इस भीड़ तंत्र से बच कर
मेरे पास आना
दिल में जगह रखना
बहाना न बनाना |
आशा
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