दीवानगी इस हद तक बढी
याद न रहा वह कहाँ खड़ी
यदि किसी परिचित ने देखा
सोचेगा किस ओर चली |
मन मयूर थिरकने लगता
मंथर गति से नाचता
देख अपनी प्रियतमा
जीवन धन सब वारता |
उसकी दीवानगी बढ़ती गई
चर्चा जिसकीआम हो गई
पागलपन इस हद तक बढ़ा
वह सरेआम बदनाम हो गई |
जब ख्याल बुरे मन में आते हैं
अंतस छलनी कर जाते हैं
उसकी प्यार भरी एक थपकी से
हम पार उतर पाते हैं |
जब ख्याल बुरे मन में आते हैं
अंतस छलनी कर जाते हैं
उसकी प्यार भरी एक थपकी से
हम पार उतर पाते हैं |
आशा
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