20 मार्च, 2016

होली आई रे


जली होलिका
प्रहलाद न जला
विजयी सत्य |

फूलों के बीच
भ्रमर व कंटक
काटते नहीं |


तितली रानी
फागुन ले आई है
खेलती रंग |

होली आ गई
प्यार दुलार बाँटें
खाएं गुजिया |

होली आई रे
फगुआ मांग रहा
टेसू अड़ा है |

ना संवेदना
न मलाल मन में
दुखित मन

आया फागुन
 आए पिया न पास
है कैसा फाग

वह् सींचती
तुलसी का विरवा
तेरी याद में |

टेसू का रंग
उसके मन भाया
तुम आए ना |

विरही मन
बाट जोह रहा है
कब आओगे |



आशा

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