१-
लाल सिन्दूर
लाल ही चुनरिया
बहू है प्यारी |
२-
भगुआ वस्त्र
मुख पर है तेज
सिद्ध पुरुष |
३-
हरे वसन
किये धारण धरा
सुहानी लगे |
४-
श्वेत वसन
तेरे मां सरस्वती
हो मन शांत |
५-
हरा रंग है
सम्रद्ध धरणी का
कृषक खुश |
६-
भगुआ रंग
छू रहा आसमान
कुम्भ क्षेत्र में |
७-
रंग बैगनी
बैगन मन भाए
सुस्वाद लगे |
८-
नीलाम्बर में
उड़ते उडगन
नापें वितान |
९-
पीत वसन
पहने धरती ने
झूमें बालियाँ |
लाल सिन्दूर
लाल ही चुनरिया
बहू है प्यारी |
२-
भगुआ वस्त्र
मुख पर है तेज
सिद्ध पुरुष |
३-
हरे वसन
किये धारण धरा
सुहानी लगे |
४-
श्वेत वसन
तेरे मां सरस्वती
हो मन शांत |
५-
हरा रंग है
सम्रद्ध धरणी का
कृषक खुश |
६-
भगुआ रंग
छू रहा आसमान
कुम्भ क्षेत्र में |
७-
रंग बैगनी
बैगन मन भाए
सुस्वाद लगे |
८-
नीलाम्बर में
उड़ते उडगन
नापें वितान |
९-
पीत वसन
पहने धरती ने
झूमें बालियाँ |
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