१-
सुख मन का
अब आए कहँ से
दुखी दुनिया |
२-
वीरान क्षेत्र
सुनसान सडकें
कुम्भ समाप्त |
३-
सर्पिलाकार
जीवन की डगर
चला जाए ना |
४-
यह जिन्दगी
सेज नहीं फूलों की
है काटों भरी |
५-
नया खिवैया
नौका मझधार में
पार लगे ना |
६-
उनका दुःख
अपना लगता है
हम साया हैं |
आशा
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