Akanksha -asha.blog spot.com
07 जुलाई, 2016
चोर
था लाचार आदतों से
था रोग हाथ की सफाई का
जब राज खुलने लगा
बाजार चर्चा का गर्म हुआ
था आज तक चोर गुम नाम
सब के समक्ष आ ही गया
वह सरे आम बदनाम हो गया
नजरें न मिला पाया सब से
जीना उसका हराम हो गया |
आशा
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