कौन सा राज
छुपा है
उसके बहानों
में
देने से
क्या लाभ ताने
सत्य तक
न
पहंच पाने में
भरोसे पर दुनिया टिकी है
जब इसे
स्वीकारोगे
मानो या न
मानो
तभी विश्वास कर पाओगे
उसने क्या
गुनगुनाया
कौन सा गीत
गाया
तभी जान पाओगे
क्या बात
छिपा रखी थी उसने
अपने रचाए गानों में |
आशा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: