आये थे अकेले
जाएंगे अकेले
पर तुमसे भी
बहुत कुछ
कहना रहेगा
जितना समय भी
साथ बिताया
उसका हिसाब
बाक़ी रहेगा
यूँ तो सभी को
जाना है
बिछुड़ना है
विसराना है
पर मेरे साथ
हुआ है
अनुबंध तुम्हारा
तभी ख्याल आया
मेरे साथ
तुम्हारी यादों का
जखीरा रहेगा
जो अनुबंद्ध
किया है तुमसे
वही खरी कसोटी होगा
उसमें कोई
खोट न होगा
तुम्हारी यादों का
मेरे मन पर
पहरा रहेगा |
आशा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: