जब से देखा उसे यहाँ
चाल ही बदल गई है
बिना पहचाने अनजाने में
वह चैन ले गई है |
कभी सोचा न था इस कदर
दिल फैंक वह होगी
उसके बिना जिन्दगी
बेरंग हो गई है |
उसके बिना यहाँ आना
अच्छा नहीं लगता
साथ जब वह होती
जोडी बेमिसाल होती |
झरते मुंह से पुष्प
खनखनाती आवाज उसकी
उत्सुकता जगाती
उसने क्या कहा होगा |
कभी यहाँ कभी वहां
बिजली सी कौंध जाती
वह जब भी यहाँ आती
सोए जज्बात जगा जाती |
आशा
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