है सौभाग्य चिन्ह मस्तक पर
बिंदिया दमकती भाल पर
हैं नयन तुम्हारे मृगनयनी
सरोवर में तैरतीं कश्तियों से
तीखे नयन नक्श वाली
तुम लगतीं गुलाब के फूल सी
है मधुर मुस्कान तुम्हारे अधरों पे
लगती हो तुम अप्सरा सी
हाथों में रची मेंहदी गहरी
कलाई में खनक रहे कंगना
कमर पर करधन चमक रही
मोह रहा चाँदी का गुच्छा
पैरों में पायल की छनक
अनुरागी मन चला आता है
दूर दूर तक तुम्हें खोजता
छोड़ नहीं पाता तुम्हें !
आशा सक्सेना
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