सब कि नज़रों से तुझे दूर रखूँ 
नजर का काला टीका लगाऊँ 
जब भी कोई कष्ट आए 
कष्ट से दूरी इतनी हो कि 
वह तेरी छाया तक को न छू पाए 
जिंदगी के हर पड़ाव पर 
तेरी देखरेख मैं ही करूं
उसमें कोई कमी न रहे
 यदि ऐसा हो तब मुझे
मेरा  ईश्वर भी क्षमा नहीं करे 
जो सुकून तेरे आने से मिला है 
उसकी कोई बराबरी नहीं है 
जितनी शांति मन को मिली है 
उसकी कोई मिसाल नहीं है 
तेरा  बालपन है बेमिसाल 
तुझे आँचल में छिपालूँ
तभी मुझे  करार आए 
तू रहे जहां कहीं भी
मेरी छाया सदा साथ रहे |
तू रहे जहां कहीं भी
मेरी छाया सदा साथ रहे |
आशा 

 
 
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