29 अप्रैल, 2018

क्षणिकाएं --------





आँखों में पानी के लिए इमेज परिणाम

कोई बात नहीं मन में खलिश है
जुबां खामोश भीगी सी नजर है
नयनों में  आंसुओं का  सैलाब
शायद यह उन्माद का असर है|

मनोबेग कह रहा रुक रुक
मन बोलता ना रुक ना  रुक
जिसका है वर्चस्व उसी का
ख्याल आया है बार बार |

कभी ख़ुशी ने झलक दिखाई
पर दुःख भारी पडा उस पर   
वह झूलता दुःख सुख के झूले में
विचलित मन है उलझन में |

चलो कुछ देर के लिए दुःख दर्द अपना भूल जाते हैं
कुछ तुम कहो कुछ हम सुने  दुःख सुख आपस में बाँट लेते हैं
मुझे खुशी होती है अपनी बातें तुमसे सांझा करने में
तुम सच्चे मित्र हो मेरे सही राय देते हो दिखावे से हो दूर
तुमसे मन जुड़ाहै मेरा मुझसे अधिक विश्वास है तुम पर |









-.आशा

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