11 अप्रैल, 2018

डर




 मन का भय के लिए इमेज परिणाम
बचपन से ही डर लगता है
आदी नहीं  किसी वर्जना की
ऊंची आवाज से भयभीत हो
 अपने अन्दर सिमट जाती है
उस पर   है प्रभाव है इस कदर
अँधेरे में  सिहर जाती है
रात  में  नहीं जाती बाहर
 डर जाती है अपनी ही छाया से
जानती है वहां कोई नहीं है
अकेली है वह
अकेलेपन  से जूझती रहती  
पर ज़रा सी आहट से
काँप जाती सर से पाँव तक
दूर कैसे करे मन के डर को
सब समझा कर हार गए हैं
 है स्वयं ही डर की सृजनकर्ता
 भय मन से जब दूर होगा
ओढ़ा डर का आवरण
 झाड़ झटक बाहर करेगी
 वह   दृढ निश्चय  करेगी
सभी से सामना करने की
 क्षमता है उसमें तब ही
किसी से नहीं डरेगी |
आशा  

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