आइना 
है वह आइना तेरा 
हर छबि रहती कैद उसमें 
चहरे के उतार चढ़ाव 
बदलते रंग और भाव 
सभी होते दर्ज उसमें |
परिवर्तन चहरे पर होते 
सभी उसमें स्पष्ट दीखते 
है यही   विशेषता 
बदलाव  अक्स में 
 किंचित भी न होता |
दिन के उजाले में 
एक एक लकीर दीखती 
सत्य की गवाही देती 
अन्धकार में सब छुप जाता 
कुछ भी न दिखाई देता |
आशा 
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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