छोटी बड़ी बातों पर
देना बधाइयां
हो गई एक प्रथा
आज कल
बधाइ चारो ओर से
लिपट जातीं उनसे
सिमट जाता उनमें ही
सारा प्यार दुलार
है आवश्यक कितना
बधाइयों का तांता
तोहफों का आदान प्रदान
तुम क्या जानो ?
आशा धन दौलत की नहीं
ऊर्जा प्यार भरे दिल की
ऊर्जा प्यार भरे दिल की
जो उत्पन्न होती
प्रमुख आवश्यकता होती
प्रमुख आवश्यकता होती
एक छोटा सा फूल
ही काफी होता
ही काफी होता
मनोभाव व्यक्त करने को
दौनों के लिए
सच तो यह है कि
देने को बधाई
कोई तो बहाना चाहिए
नजदीकियां दिखाने को
यह नहीं रस्म अदाई
है जरुरत आज की
पहले भी थी
कल भी रहेगी |
आशा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: