06 दिसंबर, 2018

शहनाई



प्रातः काल तबले की थाप
और  शहनाई वादन   
बड़ा सुन्दर नजारा  होता
 शुभ कार्यों का शुभारम्भ होता
प्रभाती का प्रारम्भ
 शहनाई से ही होता
 ध्वनि इतनी मधुर होती कि
कोई कार्य करने का
 मन ही न होता
केवल उसे सुनने के अलावा 
विवाह के रीत रिवाजों का सिलसिला
खुशी खुशी  प्रारम्भ होता
शहनाई होती जान
 किसी भी कार्यक्रम की
जब होती जुगलबंदी
 तबले और शहनाई वादन की  
 स्वर के  उतार चढ़ाव के साथ 
तबले की थाप की होती जुगलबंदी  
श्रोता को मन्त्र मुग्ध कर देतीं
शहनाई के स्वर मन को छू जाते
  यादों में सिमट जाते
 सुख हो या दुःख के कारज
यह  दोनो ही में बजती 
इसका वादन शुभ शगुन होता
है अनुपम वाद्य शहनाई 
मन में बज उठती  शहनाई
जब भी कोई   शुभ घड़ी आती|

आशा

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