जब पहला कदम रखा
दुनिया में
ख़ुशी चारो ओर फैली
पहला शब्द माँ कहा
मौसी हुई निहाल
क्यूँ न चूम लूं
तुम्हें
तुमसी बेटी पा कर
दी बधाई
तुम्हारी जननी को
तुम्हारी जननी को
दिन प्रति दिन
प्रगति हुई
ठुमक ठुमक चलना सीखा
दौड़ती फिरती आँगन
में
सतरंगी फ्राक पहन
कर
गोल गोल घूमती
एक उंगली का
नृत्य दिखाती
नृत्य दिखाती
माँ लेती उसकी बलाएं
सब देते बधाई
देख तुम्हारी चतुराई
देख तुम्हारी चतुराई
कोई प्यारी बहना
कहता
कोई दुलारी बेटी
कोई दुलारी बेटी
पहला दिन स्कूल जाने का
नया परिधान सिलवाया
नया परिधान सिलवाया
नया बस्ता नई पट्टी
कॉपी किताब पेन्सिल
कॉपी किताब पेन्सिल
जाने से पहले
माँ ने टीका लगा
माँ ने टीका लगा
भगवान से दुआ मांगी
बाक़ी सब ने दी बधाई
नए स्कूल में जाने
के लिए
थकी हारी शाला से
लौटी
सब ने पूंछा हाल
बातें बढ़ चढ़ कर
सुनाई
पट्टीपूजन के बाद
पहला अक्षर “अ”
पहला अक्षर “अ”
जो लिखा था वही
सब को दिखलाया
सब को दिखलाया
देते रहे सब बधाई
क्या कुशाग्र बुद्धि पाई |
आशा
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