बसंत ऋतु को कर विदा
पतझड़ ने डेरा डाला
पत्ते पीले हो झड़ने लगे
फिर भी कुछ पौधों पर
पत्ते पीले हो झड़ने लगे
फिर भी कुछ पौधों पर
हरी हरी कलियों में से
झांक रहे केशरिया पुष्प
हाथों से यदि छू लिये
हाथ पीले हो जाते
अभी भी स्रोत यही हैं
देहातों में केशरिया रंग के
देहातों में केशरिया रंग के
घर पर इनसे ही रंग बना कर
होली पर खेलते रंग
प्रियतमा के संग
हो जाते अनंग
खुशीयों में रम के
फूलों की होली के
हैं ये प्रमुख हमजोली
खुशीयों में रम के
फूलों की होली के
हैं ये प्रमुख हमजोली
ये होते बहुत उपयोगी
दवा में उपयोग किये जाते
श्वेत पुष्प पलाश के
तंत्र मन्त्र साधना में
काली शक्तियों को दूर करने में
पाते सफलता साधक
केशरिया श्वेत पुष्पों के उपयोग से |
केशरिया श्वेत पुष्पों के उपयोग से |
आशा
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-02-2019) को "आलिंगन उपहार" (चर्चा अंक-3246) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार सर |
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात |टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ! श्वेत पलाश के बारे में तो मुझे ज्ञात ही नहीं था ! ज्ञानवर्धन के लिए हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएं
हटाएंसुप्रभात
धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति सोमवार 18 फ़रवरी 2019 को प्रकाशनार्थ "पाँच लिंकों का आनन्द" ( https://halchalwith5links.blogspot.com ) के विशेष सोमवारीय आयोजन "हम-क़दम" के अट्ठावनवें अंक में सम्मिलित की गयी है।
अंक अवलोकनार्थ आप सादर आमंत्रित हैं।
सधन्यवाद।
सुप्रभात
हटाएंसूचना हेतु आभार सर |
बहुत अच्छी रचना आदरणीया
जवाब देंहटाएंसादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |