कल जब हर कोई प्रेम दिवस मानाने में मस्त था ,उस वक़्त भारत माँ ने कुछ अनमोल रत्न खो दिए ,उनका इस तरह से शहीद हो जाना आत्मा को झकझोर कर रख दिया ,भगवान उनके परिजनों को ये दुःख सहने की हिम्मत दे ,हम तो और कुछ कर नहीं सकते बस आश्रु के रूप में दो श्रद्धा सुमन चढ़ा सकते है।सादर नमन आशा जी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-02-2019) को "चूहों की ललकार." (चर्चा अंक-3249) पर भी होगी। -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- शहीदों के नमन के साथ...। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कल जब हर कोई प्रेम दिवस मानाने में मस्त था ,उस वक़्त भारत माँ ने कुछ अनमोल रत्न खो दिए ,उनका इस तरह से शहीद हो जाना आत्मा को झकझोर कर रख दिया ,भगवान उनके परिजनों को ये दुःख सहने की हिम्मत दे ,हम तो और कुछ कर नहीं सकते बस आश्रु के रूप में दो श्रद्धा सुमन चढ़ा सकते है।सादर नमन आशा जी
जवाब देंहटाएंसुप्रभात |
हटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद कामिनी जी |
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-02-2019) को "चूहों की ललकार." (चर्चा अंक-3249) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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शहीदों के नमन के साथ...।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुप्रभात |
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार सर |
बहुत सुन्दर हाइकू ! कृतज्ञ राष्ट्र इन शूरवीरों की कुर्बानी को सदैव याद रखेगा ! कोटिश: नमन !
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