08 मार्च, 2019

महिला दिवस










एक दूसरे का करें अभिनन्दन
महिलाएं ही करें स्वागत
आगत महिलाओं का
आओ सम्मान दिवस मनाएं
खुद ही अपना गुणगान करें
रोज रोज होते आयोजन
यह दिवस या उस दिन मनाने  के
याद नहीं रहते अब तो
किसका दिवस मनाया जाए
भाषण भक्षण का आयोजन करने का
है आज की विशेषता |
जो महिला आए दिन होती रहती प्रताड़ित
बड़ी  बड़ी  बातें करतीं है
सज बज कर   मंच पर आ कर
अन्दर कितानी धुटन भरी  है
आनन्  पर नजर नहीं आने देतीं
सच्चाई तो यह है वे  हो जाती हैं  मूक
 मुंह पर  ताला लग जाता है  
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है
क्या लाभ बहस में फंसने का
जहां थे वहीं रहना है
कोई परिवर्तन नहीं  हुआ है
ना ही  समाज में  ना लोगों की सोच में |
आशा 

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-03-2019) को "जूता चलता देखकर, जनसेवक लाचार" (चर्चा अंक-3268) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुप्रभात
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सर |

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  3. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद ओंकार जी |

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  4. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद सदा जी |

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  5. वाह ! बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रभावी रचना !

    जवाब देंहटाएं
  6. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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