04 जुलाई, 2019

वर्षा



                                                      कहाँ तो बेहाल  परेशान थे
वर्षा के अभाव से
गर्मीं तक सहन 
न कर पा रहे थे
सभी कार्य सुबह शाम ही करते थे
जब वर्षा हुई
 अब परेशान हैं
अति वर्षा से
खस्ता हाल सडकों से
जगह जगह गड्ढे भरे हैं
चलना मुश्किल हो गया है
आए दिन
 दुर्घटनाओं का भय
 बना रहता है
जीना मुहाल हो गया है
पर अस्त व्यस्त
  सभी कार्यों का
सिलसिला फिर भी  जारी है  |
आशा

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    सूचना हेतु आभार सर |

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  2. ऐसा लगता है प्रकृति का संतुलन भी बिगड़ गया है ! हर मौसम अति की गर्जना के साथ आता है और सब कुछ अस्त व्यस्त करके चला जाता है ! बहुत सुन्दर प्रस्तुति !

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