11 अगस्त, 2019

तू ही है गीत मेरा








तू ही है गीत मेरा
तू है गीत मेरी हर एक धड़कन का
जाने क्यूँ मुझसे रूठा है
कभी मन में झाँक कर देखा होता
तभी कोई निर्णय करता
प्यार इक तरफा नहीं होता
कहीं न कहीं किसी ने
बरगलाया है तुझे मेरे खिलाफ
पर दूसरों की दखलंदाजी
मुझे पसंद नहीं आती
मेरे पास बैठ कर
उलझन सुलझाई होती
कारण रुसवाई का जाना होता
सच्चाई का पता चलता
मैं कितना प्यार करती हूँ तुझे
मेरी हर श्वास में
वजूद धड़कता है तेरा
है तू ही गीत मेरी हर  धड़कन का 
तू ही है गीत मेरा संगीत मेरा |
आशा

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह प्रस्तुति रविवार 11 अगस्त 2019 को सांध्य दैनिक 'मुखरित मौन'

    https://mannkepaankhi.blogspot.com में सम्मिलित की गयी है। चर्चा हेतु आप सादर आमंत्रित हैं।

    सधन्यवाद।

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति सादर

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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  4. वाह ! कोमल अहसासों से युक्त बहुत ही सुन्दर रचना !

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  5. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए आभार |

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