23 दिसंबर, 2019

विकास शील देश

 
आए दिन की आगजनी
पत्थरबाजी और तोड़ फोड़
है किसकी सलाह पर
कोई आगे पीछे नहीं देखता
ना ही सोच उभर कर आता
इससे क्या लाभ मिलेगा ?
क्या होगा लाभ जन धन हानि का ?
नेता लोग  अपनी अपनी रोटी सेक रहे 
सामान्यजन को क्या होगा लाभ 
कोई नहीं सोचता इस पर
क्या देश ऐसे ही आगे बढेगा
नया भारत ऐसे तो नहीं सम्हलेगा
कैसे  प्रगतिशील कहलाएगा |
केवल विरोध  से कोई हल न निकलेगा
इसके लिए प्रयत्न सभी को करने होंगे
क्या केवल सरकार ही कुछ करे ?
आम जनता का कोई दाइत्व नहीं
यही भूल सदा करते आए
अब तक खुद के अन्दर झाँक नहीं पाए |
तभी तो किसी न किसी बात पर
बबाल  होता रहता है
ज़रा सी  हालत सुधर जाने पर
कोई नया मुद्दा जन्म ले लेता है |
आशा

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (24-12-2019) को    "अब नहीं चलेंगी कुटिल चाल"  (चर्चा अंक-3559)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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  2. सुप्रभात
    सूचना हेतु आभार सर |

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. सार्थक चिंतन ! यह तोड़ फोड़ करके जनता अपना ही नुक्सान कर रही है जिस दिन यह समझ में आ जाएगा उस दिन अपने आप ये उपद्रव शांत हो जायेंगे !

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