नववर्ष पर हार्दिक शुभ कामनाएं -
पलक झपकते ही समय
बीता
पूरा साल कहाँ खो
गया
मालूम न पड़ा
पर एक बात हुई अवश्य
घटना क्रम इतना तेजी
से घटा
तन मन सिहर उठा सर से पाँव तक
पहले अति वृष्टि बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाएं
हिंसा और आगजानी ने पार की सीमा
हिंसा और आगजानी ने पार की सीमा
थमीं वे बहुत कठिनाई
से
अब जा कर समस्याओं
में गति अवरोध
प्रारम्भ हुआ है फिर
भी
पूर्ण शान्ति न आ पाई
अब मौसम कहर ढा रहा
है
सर्दी ने अति की है
सूर्य देवता जा छिपे
कोहरे की चादर में
दर्शन दुर्लभ हुए हैं
सर्द मौसम ने त्राहि त्राही मचाई
जन जीवन हुआ अस्तव्यस्त
नववर्ष तुम्हारे स्वागत के लिए
उत्साह फिर भी कम नहीं हुआ है
धीरे से उत्साह जगा जीवन में
आने वाले कल के
स्वागत में
कई गीतों की की है
तैयारी
आयोजन बड़े जश्न का
करने को मन है
उसी में जुटे हुए
हैं
जब होगा स्वागत तुम्हारा धूमधाम से
खुशहाली लिए होगा आगमन तुम्हारा
सुख शान्ति बरसेगी
चहु ओर
नया साल नई
उपलब्धियां ले कर आए
भाई चारे के साथ नया दिन मनाएं
है यही कामना प्रभू से |
आशा
बहुत सुन्दर आकांक्षा ! नए साल की राह सब उत्सुक उल्लसित होकर देखते हैं ! आने वाला नया साल सबके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लाये यही प्रार्थना है प्रभु से ! सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(२९-१२ -२०१९ ) को " नूतनवर्षाभिनन्दन" (चर्चा अंक-३५६४) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
सुप्रभात
हटाएंअनिता जी सूचना के लिए आभार |
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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