धीरे धीरे कदम बढाए
आनेवाले कल की ओर
अब थोड़ा सा है फासला
बस एक दिन की दूरी
है |
कल जब सुबह होगी
नवल सूर्य की किरणे
बादलों से झाकेंगी
करेंगी स्वागत आनेवाले कल का |
धरती भी नहीं पीछे किसी से
हरे भरे खेत
लहराएंगे
खुशी का इजहार
करेंगे दिल से |
अम्बर का क्या कहना
सर्द बयार ने घेरा है अब तक
वही स्वागत करेगी अब तो
पक्षी तो ठण्ड से
हुए बेजार |
जल से भरी झीलें तालाब जमें
सर्दी ने ऐसा जोहर
दिखाया
सर्दी सर्दी करते करते
बर्फ बारी का लुफ्त
उठाते
नव वर्ष
का आनंद लेंगे |
इस साल सो कर
नए साल में जागेंगे
नया साल इस बार कुछ
बड़े बदलाव लेकर आएगा |
आशा तो यही है बड़े
परिवर्तन से
देश में अमन चैन
होगा
उन्नति की ओर हो अग्रसर
आगे कदम बढ़ाएगा |
आशा
नया साल नया उमंग और नयी उम्मीदें लेकर आये सबके के लिए यही कामना है
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
धन्यवाद टिप्पणी के लिए कविता जी |
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (31-12-2019) को "भारत की जयकार" (चर्चा अंक-3566) पर भी होगी।--
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुप्रभात
हटाएंनव वर्ष के लिए शुभ कामनाएं आपको व् चर्चा मंच के सभी सदस्यों को |
सूचना के लिए आभार |
वाह ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ! मन में हर्ष हो, उल्लास हो, उत्साह हो यही चाहिए नव वर्ष में ! नए साल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंनव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |