मन मेरे सोचो क्या करना है ?
आने वाले कल के लिए
कोई उत्साह नहीं है अब
जीवन की शाम का
इंतज़ार कर रहे हैं |
हर लम्हा पुकार रहा है
प्रभु का भजन करो
उसके सानिध्य में जाओ
उसका गुणगान करो |
समय व्यर्थ न गवाओ
भर पूर जिन्दगी जी ली है
अब और की लालसा न रखो
यह न सोचो आगे क्या होगा |
हर वर्ष की तरह यह वर्ष भी
आया है बीत ही जाएगा
माया मोह से बचो
कुछ नेकी के काम करो |
आशा