फूल नागफणी के लगते आकर्षण दूर से
छूने का मन होता बहुत नजदीक से
पर पास आते ही कांटे चुभ जाते
जानलेवा कष्ट पहुंचाते |
लगते उस शोड़सी के समान
जिसका मुह चूम स्पर्श सुख लेना चाहता
पर हाथ बढाते ही सुई सी चुभती
कटु भाषण की बरसात से |
है किसी की हिम्मत कहाँ
जो छाया को भी छू सके उसकी
बड़े पहरे लगे हैं आसपास
नागफणी के काँटों के |
जैसे ही हाथ बढते हैं उसकी ओर
नागफनी के कंटक चुभते हैं
चुभन से दर्द उठाता है
बिना छुए ही जान निकलने लगती है |
वह है नागफणी की सहोदरा सी
जिसकी रक्षा के लिए कंटक
दिन रात जुटे रहते हैं
भाई के रूप में या रक्षकों के साथ
कभी भूल कर भी अकेली नहीं छोड़ते |
नागफणी और उसमें है गजब की समानता
वह शब्दों के बाण चलाती है डरती नहीं है
काँटों जैसे रक्षकों की मदद ले
दुश्मनों से टक्कर ले खुद को बचाती है |
आशा
वाह !आदरणीय दी
जवाब देंहटाएंसादर
धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंप्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राकेश जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
25/02/2020 मंगलवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
सुप्रभात
हटाएंसूचानाहेतु आभार सर |
प्रशंसनीय रचना। पढकर बिभोर हूँ आदरणीया आशा जी। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की शनिवार(२९-०२-२०२०) को शब्द-सृजन-१० ' नागफनी' (चर्चाअंक -३६२६) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंनागफणी और उसमें है गजब की समानता
जवाब देंहटाएंवह शब्दों के बाण चलाती है डरती नहीं है
काँटों जैसे रक्षकों की मदद ले
दुश्मनों से टक्कर ले खुद को बचाती है |
ऐसा बनना भी कभी कभी जरूरी हो जाता है ना दीदी?
सुंदर रचना। प्रणाम।
धन्यवाद टिप्पणी के लिए मीना जी |
हटाएंबहुत ही बेहतरीन लिखा आपने.. सभी रचनाओं से भिन्न कलेवर सजा के आई है आपकी रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनिता जी "अनु "टिप्पणी के लिए |
हटाएंअद्भुत साम्य नागफनी में एवं नायिका में ! बहुत सुन्दर !
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