24 मार्च, 2020

कोठरी काजल की


  है सियासत की दुनिया चमक दमक की
बड़े बड़े प्रलोभन फैले यहाँ वहां
जिसने भी दूरी रखी इससे
 बहुत बेचैनी हुई उसे
मन ही मन दुख से हुआ संतप्त
क्या लाभ ऐसी दुनिया का
भीतर कुछ और बाहर कुछ हो 
सत्य कहीं दुबका हुआ हो
हर चहरे पर मुखौटा लगा हो
स्वयं की पहचान कहीं गुम हो जाए
है वहां एक बड़े दलदल का नजारा
जो पंक में घुसता गया लौट नहीं पाया
ऐसे क्या उपहार मिल गए
 राजनीति की दौड़ में
छोटे बड़े का लिहाज नहीं रहा यहाँ 
 शालीन वार्तालाप के लिए तरसे
दूरदर्शन पर भी बहस ऐसे दीखती है
मानो शेर अभी  झपटेगा  शिकार पर
दूसरा मैमने सा गिडगिडा रहा हो
बच्चे तक कहने लगते हैं
क्या इन में तमीज नहीं
इनकी मम्मीं ने क्या
 कुछ नहीं सिखाया इनको
सियासत का गलियारा
 काई से भरा हुआ है
जितना भी सम्हल कर चलो
 पैर फिसल ही जाते हैं
गिरने पर सहारा दे कर
उठाने वाला कोई नहीं होता
सियासत है कोठारी काजल की
 कोई न बचा इससे
जो भी भीतर  गया
बच  न पाया  कालिख  से | 
आशा

16 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-03-2020) को    "नव संवत्सर-2077 की बधाई हो"   (चर्चा अंक -3651)     पर भी होगी। 
     -- 
    मित्रों!
    आजकल ब्लॉगों का संक्रमणकाल चल रहा है। ऐसे में चर्चा मंच विगत दस वर्षों से अपने चर्चा धर्म को निभा रहा है।
     आप अन्य सामाजिक साइटों के अतिरिक्त दिल खोलकर दूसरों के ब्लॉगों पर भी अपनी टिप्पणी दीजिए। जिससे कि ब्लॉगों को जीवित रखा जा सके।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. सूचना के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |नव वर्ष के लिए शुभकामनाएं |

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  2. उत्तर
    1. नव वर्ष की शुभ कामनाएं |टिप्पणी के लिए धन्यवाद नासवा जी |

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  3. बहुत सुन्दर।
    घर मे ही रहिए, स्वस्थ रहें।
    कोरोना से बचें।
    भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |आप भी सपरिवार पूरी सावधानी बरतिए |

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  4. सुप्रभात
    नववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं |टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |

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  5. कड़वा सच है यह ! सियासत वास्तव में काजल की कोठरी ही है ! जो इसके अन्दर गया बेदाग़ नहीं निकल पाता ! सार्थक रचना !

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    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |

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  6. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ३० मार्च २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  7. गहरी अभिव्यक्ति ,सादर नमन

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