19 मई, 2020

पद चिन्ह



 

दूर तक रेत ही रेत
उस पर पद  चिन्ह तुम्हारे
अनुकरण करना क्यूँ हुआ प्रिय मुझे ?
कारण नहीं जानना चाहोगे|
मैंने तुम्हें अपना गुरू
 दिल से माना है
तुम्हारा हर कदम जहाँ पड़ता है
उसे अपना देवालय जाना है|
एक उमंग से 
बड़ी ललक  से भर
तुम्हारा अनुसरण किया है
क्यूँ कि तुम हो मेरे लिए आदर्श | 
 अनुकरण तुम्हारा 
मेरा  जीवन सवार देता है
 आत्म संतुष्टि प्रदान करता है
सही  हो यदि  पथ प्रदर्शक 
पैर डगमगाते नहीं हैं |
यथा संभव सफल कार्य
 पर प्रोत्साहित करते हैं 
आगे बढ़ने के लिए मार्ग दर्शन देते
है यह बड़ी सौगात मेरे लिए  |
                                              आशा

8 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |

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  2. वाह ! बहुत भावपूर्ण कोमल सी रचना ! अति सुन्दर !

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  3. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. सही हो यदि पथ प्रदर्शक
    पैर डगमगाते नहीं हैं |
    सार्थक रचना। 👌👌👌

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