26 मई, 2020

कोशिश



हर बार असफलता हाथ लगी
कितनी कोशिश की थी  मैंने
सफलता से दूरी अधिकाधिक हुई
जब भी चाहा नजदीकियां उससे  बढाना  |
पर हार नहीं मानी अपनी
चौगुने उत्साह से बड़ी लगन से
पूरी शिद्दत से यत्न किया है अब तो
कोशिश में कमी कहाँ है ?
अब तो जान कर ही दम लूंगी
फिर से कोशिश जी जान से करूंगी
मुझे हार स्वीकार नहीं है
 सफलता हाथ न आएगी जब तक
कोशिश करती रहूंगी |
कोशिश अनबरत  उसी लगन से होगी
किसी भी तरकीब से सांझा कर लूंगी
प्रयत्न में कमीं कभी ना होगी
 हार से बच कर रहूँगी |
कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती
सफलता के लिए होती आवश्यक
है मूल मन्त्र सफल होने का
उस पर अडिग रहूँगी |

आशा


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