15 अगस्त, 2020

दिन चिंता का







 लंबित कई दिन का कष्ट
अब रोज का आराम
चिंता मुक्त हो गए हो
 हुआ चंचल  मन शांत |
बेचैनी कहाँ खो गई
जान नहीं पाई
प्रभू से की थी  प्रार्थना
ऐसे दिन किसी को न दिखाए |
हुए हो  रोग मुक्त
परहेज ही करना है
समय पर सब कार्य हो
बस यही ध्यान रखना है |
                                ईश्वर की अनुकम्पा से
ठीक समय पर चेते
यह समस्या भी  हल हो गई है
प्रभु की असीम कृपा रही है |
अपने कुंद मन को शांत रखूँ  
कठिन दौर से गुज़री हूँ
वह भी बीत जाएगा  
अब सोच पा रही हूँ |
जीवन की सच्चाई से
पहली बार सामना हुआ है
अब सत्य से मुखातिब हूँ
प्रभु ने रक्षा की  है |
आशा

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 15 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सुप्रभात
      सूचना हेतु आभार यशोदा जी |

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    2. आभार यशोदा जी मेरी रचना शामिल करने के लिए |

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (16-08-2020) को    "सुधर गया परिवेश"   (चर्चा अंक-3795)     पर भी होगी। 
    --
    स्वतन्त्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  3. ईश्वर पर भरोसा है सभी का रक्षक वही है

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  4. ईश्वर इस विश्वास को कायम रखें ! कठिन समय हर एक के जीवन में आता है और बीत भी जाता है ! सब ऊपरवाले की मेहरबानी है !

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