क्या तुमने किसी से प्यार किया है
किया है तो कब और कहाँ ?
सोच विचार कर बताना
वह कैसा प्यार था भक्ति प्रेम या आकर्षण |
तुमने जीवन की कितनी सीडियां चढ़ी हैं
किस मार्ग पर कदम लड़खड़ाए तुम्हारे
यह तो याद रहा होगा पर सही उत्तर देना
गुमराह नहीं करना खुद के मित्रों को |
मुझे जानना है की क्या
मेरा सोचने का तरीका है सही
या कहीं कमी रही है मेरी सोच के तरीके में
फिर खुद को तोलना है क्या कमी है मुझ में |
मेरे कदम सही पड़े या नहीं
यह तो कोई और ही बता पाएगा
खुद का निर्णय सही है तो किस हद तक
अभी मैंने सोचा नहीं है |
है आत्मविश्वास मुझे खुद पर
कि मेरा निर्णय गलत नहीं होता
सही मार्ग पर चलने की कला
बचपन से ही है याद मुझे |
सोच रही हूँ कि
मैं सही हूँ या गलत कौन मुझे समझाए |
आशा
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 13 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार सर मेरी रचना की सूचना के लिए |
हटाएंMan ki guftgu ukeri hai ...
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद सर मेरी रचना की सूचना के लिए |
जवाब देंहटाएंअपनी सोच अपने निर्णयों के बारे में इंसान खुद ही बता सकता है दूसरा कोई क्या बताएगा ! अच्छी रचना !
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेख आदरणीय |
जवाब देंहटाएंMuhavare aur Lokoktiyan Hindi Vyakaran Notes In Hindi