आओ मिल कर खेलें खेल
जिन्दगी से क्या सीखा ?
आपस में बाँटें विचार सच्चे मन से
केवल सतही नहीं |
उत्तर जो मिले दिल से
वही सही होंगे
इस लिए एक जज नियुक्त करें
जो सही राय दे पाए
अपना फैसला सुनाने में हो निष्पक्ष |
जो सत्य का साथ दे
हर बात जो कही जाए
कहानी का अंश नजर ना आए
उसे सत्य की कसौटी पर परख पाएं |
खेल में कोई हार जीत नहीं होगी
पर विचारों में मिलावट नहीं होगी
तभी आनंद आएगा खेल का
जब जज फैसला सुनाएगा |
आशा
बहुत सुन्दर रचना ! ज़िंदगी से क्या मिला उसका निष्पक्ष आकलन होना आवश्यक ही होता है ! उत्तम सृजन !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |टिप्पणी अच्छी लगी |