06 नवंबर, 2020

ओ मिलकर खेलें खेल


                                                               आओ मिल कर खेलें खेल

 जिन्दगी से क्या सीखा ? 

 आपस में बाँटें विचार सच्चे मन से 

केवल सतही नहीं |

 उत्तर जो मिले दिल से

 वही सही होंगे 

 इस लिए एक जज नियुक्त करें 

 जो सही राय दे पाए 

 अपना फैसला सुनाने में हो निष्पक्ष |

 जो सत्य का साथ दे

 हर बात जो कही जाए 

 कहानी का  अंश नजर ना आए

 उसे सत्य की कसौटी पर परख पाएं |

 खेल में कोई हार जीत नहीं होगी

 पर विचारों में मिलावट नहीं होगी

 तभी आनंद आएगा खेल का 

 जब जज फैसला सुनाएगा | 

आशा

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना ! ज़िंदगी से क्या मिला उसका निष्पक्ष आकलन होना आवश्यक ही होता है ! उत्तम सृजन !

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  2. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |टिप्पणी अच्छी लगी |

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