कभी शिकवा न किया
किसी से शिकायत नहीं की
फिर भी सभी ने दोष दिया
जरूर कुछ तो किया होगा |
जब अपनी बात कहना चाही
जितनी भी कोशिश की
किसी ने न मानी
सभी यत्न व्यर्थ हुए |
कहने को तो यही रहा
जो किया ठीक न किया
सच यही है किसी ने
सही गलत का भेद बताया नहीं |
अनजाने में की गलतियां भूल नहीं होतीं
सुधारी जा सकती हैं हालात से समझोता होता है
वह एक सीमा तक तो है संभव
पर असम्भव नहीं |
आशा
सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए सधु जी |
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (02-12-2020) को "रवींद्र सिंह यादव जी को बिटिया के शुभ विवाह की हार्दिक बधाई" (चर्चा अंक-3903) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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मेरी रचना की सूचना के लिए धन्यवाद |
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद ओंकार जी |
बिलकुल असंभव नहीं होता एक अच्छी शुरुआत के लिए प्रयास करना ! सार्थक सृजन !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |