नव वर्ष आनेवाला है
नई कल्पना की उड़ान भरो
क्या करोगे कैसे करोगे
नए साल का जश्न कैसे मनाओगे |
यही सोचो मन की गहराई में
उसकी नवीन रूपरेखा तैयार करो
पूरे जोश से तैयारी में जुट जाओ
नई पतंग की डोर आगे बढाओ |
नए कार्य को करने के लिए
कुछ तो अभिनव विचार अपनाओ
जब कल सुबह होगी सूर्योदय होगा
नवल रश्मियों से सारा जग स्नान करेगा
कायनात पर एक अनोखा निखार होगा
नव किश्लयों को अनोखा एहसास होगा |
प्रसन्न मन उत्फुल्ल होगा
नए स्वप्न जागेंगे खुले नयनों में
बीता कल तो बीत गया
अब आनेवाले कल की सोचो |
उत्साह से कोई भी कार्य करो
उसमें ही जी जान लगाओ
उमंग में कोई कमी न हो
पूरी लगन का परिचय दो |
आशा
नव वर्ष का हार्दिक अभिनंदन करती हुई सुंदर कविता
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जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
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जवाब देंहटाएंनव वर्ष की अग्रिम बदाई।
जवाब देंहटाएंआशा है कि नये साल में सब मंगल ही मंगल होगा।
Thanks for the comment
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24.12.2020 को चर्चा मंच पर दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सुप्रभात
हटाएंसूचना के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |
सुन्दर प्रस्तुति
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हटाएंसुन्दर प्रस्तुति एवं संकलन, मुझे शामिल करने हेतु ह्रदय तल से आभार - - नमन सह।
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हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" (1987...अब आनेवाले कल की सोचो...) पर गुरुवार 24 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसूचना के लिएआभार सहित धन्यवाद रवीन्द्र जी |
हटाएंसुन्दर संदेशों से पूर्ण नए वर्ष का अभिनंदन करती अर्थपूर्ण रचना..
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हटाएंनए स्वप्न जागेंगे खुले नयनों में
जवाब देंहटाएंबीता कल तो बीत गया
अब आनेवाले कल की सोचो |
उत्साह से कोई भी कार्य करो
उसमें ही जी जान लगाओ
उमंग में कोई कमी न हो
पूरी लगन का परिचय दो ....
प्रेरक संदेश देती बहुत सुंदर रचना...
वाह वाह ! नव वर्ष के स्वागत और अभ्यर्थना में बहुत सुन्दर एवं संदेशपरक सृजन ! हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आपको भी !
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