05 दिसंबर, 2020

हाईकू (मौसम बदला )



बरखा गई
मौसम बदला है
ठण्ड आगई 
 
सूर्य किरण
गवाह है उसकी
रौशनी मंद 
 
नम ग्रास है
पत्ते गीले ओस से
सुहाना समा 
 
ठंडी रात है 
गर्म कपड़ों से भी
सर्दी न गई 
 
 
 अलाव जला
कपडे फटे टूटे
तन ढकते
 
आशा



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    6 टिप्‍पणियां:

    1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-12-2020) को   "उलूक बेवकूफ नहीं है"   (चर्चा अंक- 3907)    पर भी होगी। 
      -- 
      सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
      --   
      हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
      --
      सादर...! 
      डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
      --

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      उत्तर
      1. सुप्रभात
        मेरी रचना की सूचना के लिए आभार सर |
        |

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