12 जनवरी, 2021

हुआ अनोखा एहसास मुझे

 



                                                   
हुआ अनोखा एहसास मुझे

                                                       यह कैसे हुआ क्या हुआ

                                                            मैं जानती कैसे

                                                   अब मुझे विचार करना होगा ।

जब आज तक न जान पाई

न जाने कब तक

इंत्जार रहेगा तुम्हारा

मैं कैसे जान पाती ।

मन का विश्वास

अभी खोया नहीं है

हैअसीम श्रद्धा प्रभू पर

यह तो याद है मुझे ।

अचानक ख्याल आया मुझे

पहले जब तुमसे मिली थी

एक बात का वादा किया था

वही रहा है नियामत मेरे लिये ।

आशा

 

10 टिप्‍पणियां:


  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 13 जनवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की सूचना के लिए आभार |

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  2. वाह ! सुन्दर सुखद एहसास ! सुन्दर रचना !

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  3. सुप्रभात
    धन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    लोहड़ी पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं |मेरी रचना की सूचना के लिए आभार |

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