14 फ़रवरी, 2021

प्रणय दिवस

दिल से दिल मिले

मन बगिया में फूल खिले

पर एक कमी रही आज  

लाल गुलाब नहीं मिले |

 सोचा लाल गुलाब ही विशेष क्यूँ ?

 प्रणय दिवस के इजहार के लिए

 एक ही सप्ताह किस लिए ?

क्या  जिन्दगी पर्याप्त नहीं है

प्यार के इजहार के लिए |

प्यार के लिए योवन ही क्यों ?

बचपन बुढापे में इससे दूरी क्यूँ ?

गुलाब का लाल रंग ही

केवल प्रेम नहीं दर्शाता

हैं सभी रंग के पुष्प

 परिचायक प्रेम प्रीत के |

आशा

14 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

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  2. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 15 फ़रवरी 2021 को चर्चामंच <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ बसंत का स्वागत है (चर्चा अंक-3978) पर भी होगी।

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के जिए आभार सर |

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  3. गुलाब का लाल रंग ही
    केवल प्रेम नहीं दर्शाता
    हैं सभी रंग के पुष्प
    परिचायक प्रेम प्रीत के |

    बहुत सटीक, बहुत सुंदर रचना 🌹🙏🌹

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    1. सुप्रभात
      रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी |

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  4. आशा जी , हृदय से भेंट है आपके लिए लाल गुलाब , अभी हम बूढ़े कहाँ हुए हैं ।सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।

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    1. क्या बात है संगीता जी बहुत दिनों के बाद आज ब्लॉग पर हैं
      यह तो सत्य है मन कभी बूढा नहीं होता |





















      \

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  5. धन्यवाद शकुन्तला जी






    धन्यवाद शकुन्तला जी |

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  6. बिलकुल सार्थक सवाल ! हर रंग अपने आप में विशेष होता है और प्रेम का परिचायक भी होता है ! लाल गुलाब नहीं तो जो फूल मिल जाए उसी के माध्यम से हृदय के उदगार व्यक्त किये जा सकते हैं ! फूल तो मात्र साधन है साध्य नहीं ! सुन्दर तचना !

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