28 मार्च, 2021

यदि प्यार से पुकारो

 




                        यदि प्यार से पुकारो  

दौड़े चले आएँगे

नफरत से कोई रिश्ता नहीं है

 ना ही लगाव हमारा  |

जिसने भी आधात किया

 पलटवार से होता स्वागत  

 बिना बात यदि रार बढ़ाई

 सुकून कहीं खो जाता   |

 आपसी मतभेद से  दुखी कर  

खुद भी सुखी न  रह  पाएगा

हमने किसी से  रार नहीं ठानी  

ना किसी बात को तूल दिया  है

 ना किसी के मन को दुःखी किया है |

 अपने प्यार को अन्धकार में  रखना

है  कहाँ का न्याय?

मेरी  समझ से  है परे

इन झमेलों से  खुद को अलग  रखा है

खुद  को बचा के रखा  है |

 स्वयं  पर है भरोसा इतना

चाहे कितना भी हो प्रलोभन  

कोई हमारे मन को

 फुसला नहीं सकता |

 सच्चा बन कर बहका नहीं सकता

 कोई भी उपहार या प्रलोभन

  मेरी मन के लोभ को जगा नहीं  पाया

 अपना गुलाम मुझे  बना नहीं पाया |

तेरा प्यार ही है एक

उसके आगे मुझे  कुछ नहीं सूझता

उसने  मन को भरमाया है

 उसको सच्चे  दिल से अपनाया है  |

आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    रंगों के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |

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  2. रंगों का त्योहार,🏵
    लाए जीवन में बहार।🏵🏵🏵
    सफलता👑 चूमें आपके द्वार
    जगत में फैले कीर्ति अपार।।

    स्वस्थता, प्रसन्नता,सौहार्दता लिए यह सौभाग्यशाली,पावन पर्व आपके एवं आपके परिवार में नित प्रेम का रंग फैलाए।
    आपको सपरिवार रंग-बिरंगी होली की ढेरों शुभकामनाएँ।
    💐💐💐

    सधु चन्द्र

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      आपको सपरिबार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं |
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

      हटाएं
  3. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (30-3-21) को "कली केसरी पिचकारी"(चर्चा अंक-4021) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की सूचना के लिए आभार कामिनी जी |

      हटाएं
  4. बहुत सुंदर रचना। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  5. सच्चे प्रेम की यही परिभाषा भी है और पराकाष्ठा भी ! बहुत सुन्दर !

    जवाब देंहटाएं

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